सोलर योजना,अब ग्रामीणों को मिलेगी बिजली के बिल से राहत

भारत सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में सौर ऊर्जा के विस्तार तथा ग्रामीणों को सरलता से बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से  योजनाएं लागू की गई है, इस प्रकार की योजनाओं से ग्रामीणों को बिजली के बिल से भी राहत मिल सकेगी  भारत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिनमें से प्रमुख हैं: 1. पीएम सूर्य घर योजना:- सरकार द्वारा परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के अलांवा अब वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ाने और ग्रामीणों को हर महीने बिजली के बल से राहत प्रदान करने के उद्देश्य से पीएम सूर्य घर योजना लागू की गई है इस योजना के तहत, सरकार घरेलू छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए 60 फीसदी तक की सब्सिडी प्रदान करती है। पीएम सूर्य घर योजना क्या है? प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसके तहत घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य लोगों को फ्री में 300 यूनिट तक बिजली उपलब्ध कराना और बिजली बिल को कम करना है। योजना के लाभ: ✔ 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली ✔ सोलर पैनल लगाने पर 60% ...

आइए जाने पिछले 10 कुंभ मेलों में श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या

प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन सदियों से लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता रहा है। यहां पिछले 10 कुंभ मेलों में श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या दी गई है: 







1. 2019 (अर्द्ध कुंभ):

श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 24 करोड़

महत्व: संगम तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इसे अब "कुंभ" कहा जाता है, जबकि पहले इसे "अर्द्ध कुंभ" कहा जाता था।


2. 2013 (महाकुंभ):

श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 30 करोड़

महत्व: इसे "महाकुंभ" कहा गया। यह अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है।


3. 2007 (अर्द्ध कुंभ):

श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 7 करोड़

महत्व: इसमें साधु-संतों और आम श्रद्धालुओं ने मिलकर बड़ी संख्या में भाग लिया।


4. 2001 (महाकुंभ):

श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 10 करोड़

महत्व: 21वीं सदी का पहला महाकुंभ। इसे अत्यधिक सफल आयोजन माना गया।


5. 1995 (अर्द्ध कुंभ):

श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 5 करोड़

महत्व: संगम के पवित्र जल में स्नान के लिए बड़ी संख्या में भक्त आए।


6. 1989 (महाकुंभ):

श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 8 करोड़

महत्व: यह शांतिपूर्ण और भव्य आयोजन था।


7. 1981 (अर्द्ध कुंभ):

श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 3 करोड़

महत्व: इसमें सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया।


8. 1977 (महाकुंभ):

श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 4 करोड़

महत्व: महाकुंभ ने देशभर के श्रद्धालुओं को संगम पर खींचा।


9. 1966 (अर्द्ध कुंभ):

श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 2 करोड़

महत्व: इस समय में कुंभ मेले की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही थी।


10. 1954 (महाकुंभ):

श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 2.5 करोड़

महत्व: यह आज़ादी के बाद पहला महाकुंभ था। हालांकि, भीड़भाड़ और अव्यवस्था के कारण भगदड़ हुई थी।


सारांश:

श्रद्धालुओं की संख्या हर कुंभ मेले में बढ़ती रही है। 2013 और 2019 के कुंभ मेले अब तक के सबसे बड़े आयोजनों में से हैं, जहां 20 करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए।

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