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Showing posts from January 12, 2025

सोलर योजना,अब ग्रामीणों को मिलेगी बिजली के बिल से राहत

भारत सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में सौर ऊर्जा के विस्तार तथा ग्रामीणों को सरलता से बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से  योजनाएं लागू की गई है, इस प्रकार की योजनाओं से ग्रामीणों को बिजली के बिल से भी राहत मिल सकेगी  भारत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिनमें से प्रमुख हैं: 1. पीएम सूर्य घर योजना:- सरकार द्वारा परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के अलांवा अब वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ाने और ग्रामीणों को हर महीने बिजली के बल से राहत प्रदान करने के उद्देश्य से पीएम सूर्य घर योजना लागू की गई है इस योजना के तहत, सरकार घरेलू छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए 60 फीसदी तक की सब्सिडी प्रदान करती है। पीएम सूर्य घर योजना क्या है? प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसके तहत घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य लोगों को फ्री में 300 यूनिट तक बिजली उपलब्ध कराना और बिजली बिल को कम करना है। योजना के लाभ: ✔ 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली ✔ सोलर पैनल लगाने पर 60% ...

आइए जाने पिछले 10 कुंभ मेलों में श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या

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प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन सदियों से लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता रहा है। यहां पिछले 10 कुंभ मेलों में श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या दी गई है:  1. 2019 (अर्द्ध कुंभ): श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 24 करोड़ महत्व: संगम तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इसे अब "कुंभ" कहा जाता है, जबकि पहले इसे "अर्द्ध कुंभ" कहा जाता था। 2. 2013 (महाकुंभ): श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 30 करोड़ महत्व: इसे "महाकुंभ" कहा गया। यह अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। 3. 2007 (अर्द्ध कुंभ): श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 7 करोड़ महत्व: इसमें साधु-संतों और आम श्रद्धालुओं ने मिलकर बड़ी संख्या में भाग लिया। 4. 2001 (महाकुंभ): श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 10 करोड़ महत्व: 21वीं सदी का पहला महाकुंभ। इसे अत्यधिक सफल आयोजन माना गया। 5. 1995 (अर्द्ध कुंभ): श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 5 करोड़ महत्व: संगम के पवित्र जल में स्नान के लिए बड़ी संख्या में भक्त आए। 6. 1989 (महाकुंभ): श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 8 करोड़ महत्व: यह शांतिपूर्ण और भव्य आयोजन था। 7. ...

आइए जानें कहां कहां लगता है कुंभ का मेला

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  • भारत में कुंभ मेला हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है। यह चार स्थानों पर आयोजित होता है: हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन, और नासिक। प्रत्येक स्थान पर महाकुंभ मेले का आयोजन 12 वर्षों में एक बार होता है। यहां  पाँच कुंभ मेलों की जानकारी दी गई है: 1. 2025– प्रयागराज (महाकुंभ) तारीखें: 13 जनवरी से 10 मार्च 2025 महत्व: इसे "महाकुंभ" कहा गया, जो हर 144 वर्षों में एक बार आयोजित होता है। यह मेगा इवेंट लाखों भक्तों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। 2. 2021 – हरिद्वार कुंभ मेला तारीखें: 14 जनवरी से 27 अप्रैल 2021 महत्व: यह आयोजन COVID-19 महामारी के दौरान हुआ था, जिसमें स्वास्थ्य सावधानियों पर विशेष ध्यान दिया गया। 3. 2019 – प्रयागराज (इलाहाबाद)अर्द्धकुंभ मेला तारीखें: 15 जनवरी से 4 मार्च 2019 महत्व: इसे "अर्द्ध कुंभ" कहा गया। इस मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। 4. 2016 – उज्जैन कुंभ मेला (सिंहस्थ) तारीखें: 22 अप्रैल से 21 मई 2016 महत्व: यह क्षिप्रा नदी के किनारे आयोजित हुआ। 5. 2015 – नासिक कुंभ मेला तारीखें: 14 जुलाई से 25 सितंबर 20...